tag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post1457999818286968209..comments2023-10-02T06:53:02.091-07:00Comments on ठहाका: रोजगार ढूंढना भी एक रोजगार हैबसंत आर्यhttp://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-55658281096892152522007-11-11T23:38:00.000-08:002007-11-11T23:38:00.000-08:00सच है जीएक जमाने मे थोड़े दिन के लिए ही सही देखा त...सच है जी<BR/>एक जमाने मे थोड़े दिन के लिए ही सही देखा तो है ये भीपुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-68288331517656818162007-11-08T21:18:00.000-08:002007-11-08T21:18:00.000-08:00तम से मुक्ति का पर्व दीपावली आपके पारिवारिक जीवन म...तम से मुक्ति का पर्व दीपावली आपके पारिवारिक जीवन में शांति , सुख , समृद्धि का सृजन करे ,दीपावली की ढेर सारी बधाईयाँ !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-9105064531843876712007-11-06T05:51:00.000-08:002007-11-06T05:51:00.000-08:00क्योंकि रोजगार ढूँढना भी रोजगार है. क्या पंच लाइन ...क्योंकि रोजगार ढूँढना भी रोजगार है. <BR/>क्या पंच लाइन लिखी है आपने. बहुत खूब. आप बहुत अच्छा लिखते हैं व्यंग मैं गज़ब की धार है.<BR/>आप मेरे ब्लॉग पर आए ग़ज़ल की तारीफ की उसके लिए भी यहीं शुक्रिया अदा कर दूँ क्यों की आप का ई मेल कहीं नज़र नहीं आया <BR/>मैंने आप को पहले भी एक मेल भेजी थी आप की पोस्ट पर सोचा था की आप का हूमर का जो टुमर है वो आप से जवाब likhvayega लेकिन निराशा हाथ लगी.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-53754268078002556512007-11-03T04:33:00.000-07:002007-11-03T04:33:00.000-07:00बहुत खूब..बहुत खूब..आशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-82494855669872467142007-11-02T16:05:00.000-07:002007-11-02T16:05:00.000-07:00सही है, जिसका दिमाग उर्वर है, वह रोजगार ढ़ूंढ़ने में...सही है, जिसका दिमाग उर्वर है, वह रोजगार ढ़ूंढ़ने में भी रोजगार ढ़ूंढ़ लेता है। :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-47597391666400811742007-11-02T11:50:00.000-07:002007-11-02T11:50:00.000-07:00क्या बात है बसंत भाई.....क्या बात है बसंत भाई.....बोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-65427562261220066492007-11-02T09:22:00.000-07:002007-11-02T09:22:00.000-07:00एकदम मारक, बसंत भाई. सालिड व्यंग्य-छा लिये बंधु.मज...एकदम मारक, बसंत भाई. सालिड व्यंग्य-छा लिये बंधु.<BR/><BR/>मजा आ गया. बनाये रहो यही लय.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-27325482879632526322007-11-02T09:10:00.000-07:002007-11-02T09:10:00.000-07:00बसंत जी, क्या बात है, एक बार फिर वेहद सुंदर और ...बसंत जी,<BR/> क्या बात है, एक बार फिर वेहद सुंदर और सामयिक व्यंग्य हेतु बधाईयाँ!व्यवस्था पर जबरद्स्त चोंट,सचमुच आपने बहुत उम्दा बातें की है, यही सच है,मजा आ गया.रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-72719553645008368422007-11-02T07:09:00.000-07:002007-11-02T07:09:00.000-07:00जनाब सौ बार सलाम इस जोरदार व्यंग परजनाब सौ बार सलाम इस जोरदार व्यंग परAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-27886776467284143662007-11-02T07:07:00.000-07:002007-11-02T07:07:00.000-07:00व्यंग्य तो मारक है। लेकिन हकीकत यही है रोजगार ढूंढ...व्यंग्य तो मारक है। लेकिन हकीकत यही है रोजगार ढूंढनेवाले जमकर रोजगार कर रहे हैं. नौकरी डॉट कॉम, जॉब्स डॉट कॉम सभी करोड़ों कमा रहे हैं।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-49802302478157457472007-11-02T06:46:00.000-07:002007-11-02T06:46:00.000-07:00उम्दा लिखा है गुरु. मजा आ गया.उम्दा लिखा है गुरु. मजा आ गया.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-19836890167487068442007-11-02T04:11:00.000-07:002007-11-02T04:11:00.000-07:00बहुत जबरद्स्त चोंट की है।अच्छा लगा।बहुत जबरद्स्त चोंट की है।अच्छा लगा।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018729393752857849.post-19848243909183051292007-11-02T03:10:00.000-07:002007-11-02T03:10:00.000-07:00जबरदस्त व्यंग्य लिखा है आपने व्यवस्था पर. सच्ची तस...जबरदस्त व्यंग्य लिखा है आपने व्यवस्था पर. सच्ची तस्वीर पेश कर दी. बहुत अच्छे.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.com