9/5/07

हमारी हकीकत

जहाँ की दौलत अपने पास न कोई जागीर रखते हैं
न कोई तलवार रखते हैं न कोई शमशीर रखते हैं
हँसाते हैं तो हँस लो तुम भी आज् जी भर के
वर्ना हम भी अपने सीने में दर्द की तस्वीर रखते हैं.