तकते हुए न कभी थकते है रूप बूढे रूप देख झुर्रियों पे रंग चढ जाता है,
तन किसमिस पर मन अंगूर बन पल में ही सातों आसमान चढ जाता है,
बूढो का न दोष कोई इसमे है रंचमात्र रूप देखके जो रूप पर मर जाता है,
सच तो ये है कि रूप सामने दिखाई दे तो मरे मुर्दे का हर्टबीट बढ जाता है.