2/1/08

तन किसमिस पर मन अंगूर

तकते हुए न कभी थकते है रूप बूढे रूप देख झुर्रियों पे रंग चढ जाता है,

तन किसमिस पर मन अंगूर बन पल में ही सातों आसमान चढ जाता है,

बूढो का न दोष कोई इसमे है रंचमात्र रूप देखके जो रूप पर मर जाता है,

सच तो ये है कि रूप सामने दिखाई दे तो मरे मुर्दे का हर्टबीट बढ जाता है.